
महारुद्र अनुष्ठान शुद्धिकरण और भगवान शिव से दिव्य आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने के एक शक्तिशाली साधन के रूप मे एक मुख्य भूमिका निभाता है । यह शिव भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है और बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ किया जाता है। महारुद्र अनुष्ठान से जातक के सभी पातक कर्म (नरक में गिरानेवाला पाप) नष्ट हो जाते है और भगवान शिव के आशीर्वाद से जातक की वे सभी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती है जिन्हे मन मे रखकर या जिन इच्छाओ की पूर्ति के लिए जातक महारुद्र अनुष्ठान का आयोजन करता है
महारुद्र अनुष्ठान किसे करानी चाहिए?
"महारुद्र रुद्राभिषेक” अनुष्ठान ऐसे व्यक्तियों को अवश्य करानी चाहिए जिनके जीवन में नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव पड़ रहा हो तथा जीवन मे लंबे समय से समस्याए चली आ रही हो तो यह अनुष्ठान ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करने का एक शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है। मुख्यतः यह अनुष्ठान बाधाओ को दूर करने, इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है । इस अनुष्ठान को करने से व्यक्ति को पिछले जन्मों के पापों और गलत कामों का प्रायश्चित करने में मदद मिलती है। भगवान शिव को पवित्र पदार्थ अर्पित करने के कार्य को क्षमा और मुक्ति पाने के एक साधन के रूप में देखा जाता है।
इस अनुष्ठान के लिए यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि इस तरह के अनुष्ठान और मान्यताए हमारे सनातन धर्म मे बहुत अधिक महत्त्व रखते है और इन अनुष्ठानों की प्रभावशीलता को बनाए रखने व नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इन्हे योग्य पुजारियों या वैदिक अनुष्ठानों में दक्षता प्राप्त व्यक्तियों द्वारा ही किया जाना चाहिए ।
महारुद्र अनुष्ठान से ग्रह दोष दूर होते हैं, मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, स्वास्थ्य, धन और शांति प्राप्त होती है, और आत्मिक उन्नति होती है।
Price : INR 21000/-
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