
बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान
बुध ग्रह ज्योतिष में बुद्धि, संवाद, व्यापार, तर्कशक्ति और गणित का प्रमुख कारक माना जाता है। इसे पंचतत्वों में पृथ्वी तत्व से जोड़ा जाता है और इसका रंग हरा होता है। बुध ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक संतुलन, वाककला, व्यापारिक कुशलता और तर्क क्षमता पर गहरा असर डालता है। कुंडली में बुध की शुभ व प्रबल स्थिति व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि, व्यापार में सफलता, और प्रभावी संवाद क्षमता प्रदान करती है। वहीं, दुर्बल या पीड़ित बुध भ्रम, मानसिक तनाव, व्यापार में असफलता और संवाद की क्षमता में कमी का कारण बनता है। बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को स्मरण शक्ति की हानि, सिर दर्द, त्वचा रोग, दौरे, और कफ-पित्त जैसी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यदि कुंडली में बुध कमजोर हो, तो उसे प्रबल करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। बुध को सशक्त करने का सबसे प्रभावी उपाय 'बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान' है, जो बुध के अशुभ प्रभावों को कम करने और उसकी सकारात्मक ऊर्जा को प्रबल करने का शक्तिशाली माध्यम है।
बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान की पूजा प्रक्रिया
बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान में बुध ग्रह के वैदिक मंत्र का जप किया जाता है। इस अनुष्ठान के अंतर्गत बुध के वैदिक मंत्र का 36,000 बार जप किया जाता है, जिसके बाद उसी का दशांश जप और फिर विधिपूर्वक हवन सम्पन्न कराया जाता है। परंतु इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान का पूर्ण लाभ तभी प्राप्त होता है जब इसे शास्त्रोक्त विधि से संपन्न किया जाए। इस जप और हवन को अनुभव संपन्न और दक्ष आचार्यों द्वारा ही कराया जाना चाहिए, ताकि अनुष्ठान का अधिकतम लाभ मिले।
बुद्धि, स्मरण शक्ति, वाकपटुता और व्यापारिक सफलता के लिए कराएं बुध ग्रह बलिष्ठ अनुष्ठान। जानें विधि, लाभ और आवश्यक पूजन सामग्री।
Price : INR 15000/-
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