भाई दूज 2024 | Bhai dooj 2024
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाता है, जिसे यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर, उन्हें फल और मिठाई भेंट करती हैं, और उनकी दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। इसके बदले में भाई अपनी बहन को हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज पर बहन द्वारा तिलक किए जाने से भाई की आयु बढ़ती है और उसके जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यह पर्व यमराज और उनकी बहन यमुना जी की कथा से भी जुड़ा है, जिसके अनुसार इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने गए थे और उन्हें वरदान दिया कि इस दिन बहन द्वारा भाई को तिलक करने से भाई को अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा साथ ही उसे सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलेगा। भाई दूज की पूर्ण कथा जानने के लिए आप हमारे ब्लॉग सेक्शन को पढ़ें या नीचे दिए गए लिंक पर जाएं - https://www.sanatanjyoti.com/Blog/-bhai-dooj-/1115
आईए जानते है इस वर्ष भाई दूज का मंगलमय पर्व कब मनाया जाएगा?
- भाई दूज तिथि 2024 - Bhai dooj date 2024 – 03 नवंबर 2024
- भाई दूज पूजा शुभ मुहूर्त-
प्रातः 09:30 बजे से 10:56 बजे तक। (शुभ चौघड़िया के अनुसार)
अपराह्न 01:29 बजे से 02:59 बजे तक। (कुम्भ लग्न)- द्वितीया प्रारंभ तिथि - 02 नवंबर 2024 को रात्रि 08:23 बजे
- द्वितीया समापन तिथि - 03 नवंबर 2024 को रात्रि 10:05 बजे
भाई दूज की पूजा विधि में पवित्रता और प्रेम का विशेष महत्व होता है। इस दिन बहनें स्नान करके पूजा की थाली तैयार करती हैं, जिसमें दीपक, कुमकुम, चावल, चंदन, फल और मिठाई रखे जाते हैं। इसके बाद भाई भी स्नान करके तिलक के लिए तैयार हो जाता है। पूजा की शुरुआत में बहन अपने भाई के माथे पर अनामिका उंगली से कुमकुम का तिलक करती है और उसके हाथ में गरी का गोला (सूखा नारियल) देती है, जो सुरक्षा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है और उसकी आरती उतारती है, जिससे उसके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार हो। अंत में, भाई अपनी बहन को उसकी क्षमतानुसार उपहार देता है, जो उनके रिश्ते की मिठास और आपसी स्नेह को और मजबूत करता है।